जैसा की हम सब जानते हैं आज भारत में ज्यादातर किसान अतिरिक्त आमदनी के लिये खेती के साथ-साथ गाय और भैंसपालन भी कर रहे है। इसके जरिये उन्हें अच्छी मात्रा में दूध मिल जाता है और उस बेचकर वे ज्यादा से ज्यादा आमदनी अर्जित कर कर रहे हैं।
अगर बेहतर प्रजातियों की बात करें तो भारत में भैंस की कई दुधारू प्रजाति पाई जाती है. इनमें भैंस की मुर्रा नस्ल दूध उत्पादन के पूरे विश्व में प्रचलित है जिसके लिए आज लोग ज्यादा से ज्यादा खर्च करते हैं और चार गुना कमाते हैं। जी हाँ हम बात कर रहे हैं भैंस की मुर्रा नस्ल के बारे में ।
अभी के समय में भारत के अधिकतर इलाकों में पशुपालक इसका दूध को बेचकर ढेर सारी कमाई कर रहे हैं और अपने घर पर मुर्रा नस्ल के दो से चार भैंस पालकर रातों रात माला माल हो रहे हैं ।
यह भैंस की सबसे लोकप्रिय नस्ल है,जो हरियाणा के रोहतक,हिसार और जींद जिले के साथ-साथ पंजाब के पटियाला और नाभा में पाई जाती है।
काले रंग की भैंस से एक ही व्यांत में 1600-1800 लीर दूध उत्पादन हो जाता है।
आपकी जानकारी के लिये बता दें कि मुर्रा भैंस के दूध में वसा की 7 फीसदी मात्रा पाई जाती है। मुर्रा नस्ल को जल्दी पचने वाले चीजें और फलीदार चारा खुराक के रूप में दिया जाता है। हालाकिं अच्छे दूध उत्पादन के लिये मक्की,गेहूं, जौं,जई और बाजरा के दानों के साथ-साथ तेल बीजों की खल खिलाई जाती है।
मुर्रा नस्ल की भैंस को साफ-सफाई से रख-रखाव की जरूरत होती है। ये नस्ल दिनभर में 12-16 लीटर दूध देती है।
आप भैंस खरीदें लेकिन उसका ध्यान रखें यदि आप अपनी भैंसों की अच्छी देखभाल करते हैं, तो आप उन्हें पालने से उतना ही अधिक पैसा कमा सकेंगे।
जब आप भैंस की देखभाल कर रहे हों, तो यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उसके पास सही भोजन और आश्रय है। भैंस के दूध का उत्पादन उनके आहार और पर्यावरण से काफी प्रभावित होता है,
इसलिए उनके खाने और बाड़े की सफाई जैसी चीजों पर नजर रखना जरूरी है। भैंसों को आम बीमारियों, जैसे मुंहपका-खुरपका रोग और गले के संक्रमण के खिलाफ भी टीका लगाया जाना चाहिए, ताकि वे उन बीमारियों को आपके घर न ला सकें।
इसे कैसे खरीदें, आमदनी कितनी
मेरापशु एप या वेबसाईट पर मुर्राह नस्ल की भैंस की कीमत 70...